<p>ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते हैं नीलम जब किसी व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम देता है तो कुछ ही दिनों में राजा बना देता है और अगर बुरा प्रभाव देने पर आए तो राजा को भी भीखारी बनाते इसे वक्त नहीं लगता। इसलिए नीलम रत्न बहुत ही जांच परख कर धारण किया जाता है। आइये जानें कि नीलम रत्न धारण करते हुए क्या 8 बातें लोगों के साथ होती है।</p><p>नौ ज्योतिषीय रत्नों में से नीलम सबसे प्रभावी और सबसे जल्दी असर करने वाला रत्न हैं। नीलम रतन धारण वालो के लिए यह धन में लाभ, समस्या का समाधान, अप्रत्याशित लाभ आदि के साथ तुरंत प्रभाव दिखाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नीलम शनि का रत्न है। शनि एक दैत्य ग्रह है और शनि की अवधि एक व्यक्ति के जीवन को बना या ख़राब कर सकता है नीलम धारण करने की सलहा सावधानी के साथ किया जाना देना चाहिए। बिना सलाह के नीलम पहनने से दुर्घटनाओं, स्वास्थ्य समस्याओं हो सकती है</p><div> नीलम ज्यादातर चर्चा में रहता है कि इसे धारण करते ही यह तुरंत ऐसा देगा या वैसा कर देगा। या तो अचानक धनवान बना देगा या फिर दरिद्र बना देगा। इस प्रकार की बहुत सारी भ्रांति है नीलम के बारे में। लेकिन सच तो यह है कि ऐसा कुछ नहीं होता है। कोई भी रत्न कुंडली द्वारा ही निर्धारित होता है। सही निर्धारण के बावजूद भी अगर आपको सही परिणाम नहीं मिलते हैं तो इसकी कई वजह होती है। </div> <div> </div> <div> </div> <div> <u><strong>पढ़ें नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर ( 7 सावधानियां) </strong></u></div> <div> </div> <div> <a class="storyTags" href="https://hindi.webdunia.com/search?cx=015955889424990834868:ptvgsjrogw0&cof=FORID:9&ie=UTF-8&sa=search&siteurl=//hindi.webdunia.com&q=%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B2%E0%A4%AE+%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3" target="_blank">नीलम धारण </a>करने के पश्चात प्रत्येक शनिवार और शनि नक्षत्रों में अन्न दान जरूर करें। </div> <div> </div> <div> शनिवार के दिन मदिरा-तामसिक भोजन का त्याग करें । </div> <div> </div> <div> विकलांग लोगों के प्रति सेवा भाव रखें। </div> <div> </div> <div> घर के वृद्ध लोगों के प्रति आदरपूर्ण व्यवहार रखें। </div> <div> </div> <div> प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष के दूसरे शनिवार को रत्न को दूध, घी, गंगाजल, तिल और मिश्री मिले जल से अभिसिंचित करें। </div> <div> </div> <div> रत्न का शम्मी के लकड़ी से 108 बार " ॐ शन्नोदेवीरभिष्ट्यः आपोभवन्तुपीतये शंय्योरभिस्रवन्तुनः "मंत्र के उचारण के अभिषेक कीजिए। इससे रत्न जागृत होगा और सकारत्मक ऊर्जा प्रदान करेगा। </div> <div> </div> नीलम धारण करने के पश्चात किसी को कोई झूठा आश्वासन न दीजिए नहीं तो दुष्परिणाम गंभीर होगा।